शक्तीस....
गुंतला गुंतला | तुझ्यामध्ये जीव |
अवांतर हाव | निवर्तली ||
तुझ्या अभावाने | उरातले उर |
सलतसे फार | रात्रंदिन ||
वाळवंटा घरी | जळाचा अभाव |
तसा माझा जीव | तुझ्याभावी ||
प्राणहीन देह | आणि शक्तीहीन |
यासाठी प्रमाण | पुतळा तो ||
माझे निम्मे जिणे | चालले सतत |
जशी देहगत | पाषाणाची ||
-मनोज बोबडे
अवांतर हाव | निवर्तली ||
तुझ्या अभावाने | उरातले उर |
सलतसे फार | रात्रंदिन ||
वाळवंटा घरी | जळाचा अभाव |
तसा माझा जीव | तुझ्याभावी ||
प्राणहीन देह | आणि शक्तीहीन |
यासाठी प्रमाण | पुतळा तो ||
माझे निम्मे जिणे | चालले सतत |
जशी देहगत | पाषाणाची ||
-मनोज बोबडे
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