मंगळवार, ३० एप्रिल, २०१३

शक्तीस....

गुंतला गुंतला | तुझ्यामध्ये जीव |
अवांतर हाव | निवर्तली ||

तुझ्या अभावाने | उरातले उर |
सलतसे फार | रात्रंदिन ||

वाळवंटा घरी | जळाचा अभाव |
तसा माझा जीव | तुझ्याभावी ||

प्राणहीन देह | आणि शक्तीहीन |
यासाठी प्रमाण | पुतळा तो ||

माझे निम्मे जिणे | चालले सतत |
जशी देहगत | पाषाणाची ||

-मनोज बोबडे

वर्षा ऋतू पर हिन्दी बालकविता

  प्रतीकात्मक इमेज  वर्षा ऋतू वर्षा ऋतू आया है बारीश ने गीत गाया है नभ के आंगण मे देखो काली काली छाया है चल राजू चल पिंटू चल भिगते है पानी ...